कौशाम्बी संसदीय सीट पर इस बार फिजा बदली-बदली दिख रही है। भाजपा से निवर्तमान सांसद विनोद सोनकर फिर मैदान में हैं। बसपा छोड़कर अब सपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी हैं। तीन बार के सांसद शैलेंद्र कुमार इस बार राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल से प्रत्याशी हैं। कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश पासी भी धमक बनाए हुए हैं। यहां सभी प्रत्याशी जातीय समीकरणों को ही साधते दिख रहे हैं। उनका मानना है कि पार्टियों के परंपरागत वोट तो उन्हें बोनस में मिलेंगे। अप्रत्यक्ष रूप से राजा भैया से लड़ाई लड़ रहे इस क्षेत्र के प्रत्याशियों में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे हैं।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद वाले इस क्षेत्र में उनके नजदीकी भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर पीएम मोदी के नाम और पांच साल में कराए गए काम को गिनाकर प्रचार कर रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रवाद के साथ वह डिप्टी सीएम केशव प्रसाद के कार्यों को भी गिना रहे हैं। वह घूम-घूम कर कौशाम्बी ही नहीं कुंडा और बाबागंज में भी राजा भैया को उनके ही गढ़ में घेरने की कोशिश कर रहे हैं। इंद्रजीत सरोज को गठबंधन के दम पर चुनावी वैतरणी पार करने का भरोसा है। बसपा के टिकट पर चार बार सदर क्षेत्र से विधायक और दो बार मंत्री रहे इंद्रजीत इस बार सपा में है। बसपा के काडर वोट उनकी स्थिति तय करेंगे। जनसत्ता दल के प्रत्याशी शैलेंद्र कुमार पासी को पार्टी संस्थापक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के प्रभाव के जरिए चुनावी रास्ता साफ दिख रहा है। कांग्रेस के परंपरागत वोटों को सहेज कर पासी बिरादरी को एकजुट करने में लगे कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश पासी सभी दलों के वोटों में सेंधमारी करने में लगे हैं।
प्रमुख मुद्दे
औद्योगिक माहौल नहीं, रोजगार के अवसरों का अभाव
सिंचाई की व्यवस्था न होने से किसान परेशान, नहरें सूखीं
सड़कें हैं चकाचक पर संपर्क मार्ग बदहाल
मुख्यालय को छोड़कर बिजली व्यवस्था खराब
क्षेत्र में पेयजल की किल्लत, हैंडपंप खराब
मुद्दे तो फिर वही, सियासी फिजा बदली-बदली सी, डिप्टी सीएम केशव के घर में भाजपा की परीक्षा